पैंसठ लाख की डकैती, Paisath Lakh Ki Dakaiti
Surender Mohan Pathak
मायाराम बावा की एक और साथी की तलाश जब विमल पर जाकर पूरी हुई तो उसे ऐसा लगा जैसे उसके मन की मुराद पूरी हो गयी । अब वो बेहिचक बैंक लूटने के अपने मास्टर प्लान को अमल में ला सकता था । एक ऐसे बैंक को लूटने का प्लान जो एक किले जैसी सुदृढ़ इमारत में था, जिसके सुरक्षा साधनों का कोई सानी ना था ! अमृतसर के भारत बैंक के वॉल्ट की लूट की हैरतंगेज दास्तान !
Категории:
Год:
2015
Издательство:
Harper Hindi
Язык:
hindi
ISBN 10:
9351776247
ISBN 13:
9789351776246
Серия:
Vimal
Файл:
EPUB, 470 KB
IPFS:
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hindi, 2015